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नान स्टाप राइटिंग चेलैंज 2022 एडीशन 1संस्कारी बहू ( भाग 33)


         संस्कारी बहू
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        सुनन्दा बिचारौ में खोई हुई थी कि उनके घर काम करने वाली काका आई और बोली ," मालकिन पूजा व आरती की थाली सजादूँ ?"

 सुनन्दा बोली,"  वह सब किस लिए ?:

   आज बहूरानी पहली बार आरही है तो क्या  उनका स्वागत  आरती उतारकर नहीं करोगी  ?"

   " मंगला तू भी बहुत भोली है  जमाने को समझने की कोशिश नही करती है वह विदेशी मैम है वह यहाँ की रीत रिवाज नही मानती है यह सब तो हमारे देश की रीत है।" सुनन्दा ने उसे समझाया और  वह पुराने बिचारौ में खोगयी।

 जब वह इस घर में पहली बार आई थी तब उसकी सास ने कितने प्यार से उसकी आरती उतारी थी  सुमित के पापा जब आगे जाने लगे थे तब डाटकर कहा था " शिव पहले  बहू प्रवेश करेगी यह आज से इस घर की लक्ष्मी है।  तू बाद मे प्रवेश करेगा।

      सुनन्दा को अपने पति की हालत देखकर हसी आने को हो रही थी परन्तु उसने बहुत मुश्किल से अपनी हसी रोकी थी।

   इसके बाद उसने गृह प्रवेश किया था उसकी सास ने उसे कंगनदिये थे और कहा था यह हमारे पूर्वजौ की निशानी है यह कंगन मुझे मेरी सास ने दिये थे तू इनको अपनी बहू को देना।

     सुनन्दा सोचरही थी कि अब वह इन कंगनौ का क्या करेगीक्यायह उसके पास ही रहेंगे।

    उसी समय डोरवैल की आवाज से उनकी तन्द्रा टूटी और वह बुझे मन से दरवाजा  खोला। 

    जब उन्हौने अपने सामने जो कुछ देखा वह देखकर उनको अपनी आँखौ पर विश्वास ही नही होरहा था वह सोच रही थी कि यह सपना है या हकीकत है? क्यौकि सामने जो खडी़ थी वह एक भारतीय नारी थी उसने हरी चूडि़या दोनौ हाथौ में पहन रखी थी हाथौ पर मेहदी पैरौ पर महाबर मांग मे सिन्दूर सिर पर साडी़ का पल्लू जो था।

     सुमित बोला," माँ क्या बहू को अन्दर आने की इजाजत नही दोगी।

   सुमित की आवाज  सुनकर वह एक साइड में होगयी।तब सुमित बोला  " एरिना चलो"! "

 ऐसे कैसे माँ आरती उतारेगी और आँगन में चावल का घडा़ और महाबर की पारात तो  रखी ही नहीं। ," एरिना बोली।

   सुनन्दा ने मंगला को आवाज देकर सब लाने को कहा। और तब सुनन्दा ने आरती उतारकर मंगल गीत गाये।

  इसके बाद एरिना ने चावल के घडे़ को पैर मारा और परात में पैर रखकर आगे जाने से उसके पैर फर्श पर छप गये जिन्है देखकर सुनन्दा की आँखौ से खुशी के आँसू आगये।

     एरिना ने जब सुनन्दा के चरण स्पर्श किये  सदा सुहागिन का आशीर्वाद देकर अपनी छाती से लगा लिया। और जल्दी से कंगन लाकर बहू को देकर बोली," यह कंगन मेरी सास को उनकी सास न ःर मुझे मेरी सास ने दिये थे अब मै यह तुझे देरही हूँ तू इनको अपनी बहू को देना।

        अब सुनन्दा बहुत खुश थी उसे अपने बेटे की पसंद पर गर्व महसूस हो रहा था। जब उन्होने एरिना को इन संस्कारौ के बिषय में पूछा कि यह तुमने कहाँ से सीखा।

    तब एरिना ने बताया कि मैने शादी से पहले भारतीय संस्कार नामक बुक पढी़ थी 


  नान स्टाप राइटिंग चेलैन्ज 2022 हेतु रचना।

नरेश शर्मा " पचौरी "


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4 Comments

Gunjan Kamal

03-Jan-2023 12:28 PM

शानदार भाग

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Varsha_Upadhyay

30-Dec-2022 05:09 PM

बेहतरीन

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